जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को लेकर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान...

रविवार, 24 दिसंबर 2023 (21:50 IST)
Farooq Abdullah's statement regarding terrorism in Jammu and Kashmir : नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अब भी जीवित है और सेना या पुलिस के इस्तेमाल से इसका खात्मा नहीं किया जा सकता। उन्होंने केंद्र से आतंकवाद के मूल कारण को समझने के उपाय तलाशने का अनुरोध किया।
 
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों को भी निरंतर रक्तपात से होने वाले नुकसान को समझना चाहिए क्योंकि आतंकवाद के चलते निर्दोष लोगों की जान जा रही है। यहां एक पुस्तक के विमोचन से संबंधित समारोह से इतर बात करते हुए अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के भाजपा के दावे को लेकर इसकी आलोचना की।
 
अब्दुल्ला ने कहा, स्थिति सामान्य होने का ढोल पीटने या पर्यटकों के आगमन को शांति के रूप में प्रचारित करने से आतंकवाद समाप्त नहीं होगा, जो अब भी जीवित है। वे दावा कर रहे थे कि अनुच्छेद 370 (2019 में) के निरस्त होने के साथ आतंकवाद समाप्त हो गया है, लेकिन चार साल बाद, आतंकवाद अब भी है और तब तक खत्म नहीं होगा जब तक हम इसके मूल कारण को समझने की कोशिश नहीं करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, हमें गहन विचार करके इसे खत्म करने के लिए मूल कारण का पता लगाना होगा।

'इंडिया' गठबंधन के फैसले का पालन करूंगा : नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए जम्मू कश्मीर में सीट बंटवारे पर ‘इंडिया’ गठबंधन के फैसले का पालन करेगी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने सवाल किया कि सरकार स्थानीय निकाय चुनाव क्यों नहीं करा रही है जब वह दावा कर रही है कि केंद्रशासित प्रदेश में शांति बहाल हो गई है।
 
उन्होंने यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह से इतर एक सवाल के जवाब में कहा, हम ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं और इसके फैसले का पालन करेंगे। उनसे केंद्रशासित प्रदेश में सीट बंटवारे के बारे में पूछा गया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जम्मू-कश्मीर के उन क्षेत्रीय दलों में से हैं, जो विपक्षी गुट का हिस्सा हैं।
 
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को उनका संदेश चुनाव के लिए तैयार रहने का है। उन्होंने कहा, हम इस साल पंचायत, डीडीसी (जिला विकास परिषद) और यहां तक ​​कि नगर निकाय चुनावों के लिए तैयार थे। नोटिस जारी किया गया था लेकिन पांच दिन के भीतर वापस ले लिया गया। कोई नहीं जानता कि क्या हुआ और चुनाव में जानबूझकर देरी की गई। उन्होंने कहा कि वे सामान्य स्थिति का दावा कर रहे हैं लेकिन चुनाव नहीं करा सके। अगर करगिल में चुनाव हो सकता है तो जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं कराया गया।
 
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ऐसे उद्योग स्थापित करने का समर्थन करती है जिससे लोगों को फायदा हो, नौकरियां पैदा हों और जो पर्यावरण के अनुकूल हों। अब्दुल्ला ने कहा, हम ऐसे उद्योग नहीं चाहते जो प्रदूषण फैलाएं, हम प्रगति चाहते हैं और यह भी चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर आगे बढ़े। हमारे बच्चे बेरोजगार हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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