नई दिल्ली। केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा लॉकडाउन के कारण कमजोर राजस्व संग्रह के चलते वित्त वर्ष के शुरुआती 4 महीनों (अप्रैल-जुलाई) में ही पूरे साल के बजट अनुमान को पार कर गया है।महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटा इसके वार्षिक अनुमान की तुलना में 103.1 प्रतिशत यानी 8,21,349 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
महालेखा नियंत्रक के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार माह के दौरान सरकार की राजस्व प्राप्ति 2,27,402 करोड़ रुपए रही। यह राशि वर्ष के बजट के वार्षिक लक्ष्य का 11.3 प्रतिशत है। पिछले साल इसी अवधि में कुल राजस्व प्राप्ति बजट अनुमान का 19.5 प्रतिशत रही थी।
अप्रैल से जुलाई के दौरान कर राजस्व 2,02,788 करोड़ रुपए यानी बजट अनुमान का 12.4 प्रतिशत रहा जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह बजट अनुमान का 20.5 प्रतिशत रहा था। आलोच्य अवधि में सरकार की कुल प्राप्ति 2,32,860 करोड़ रुपए रही जो कि बजट अनुमान का 10.4 प्रतिशत रही। सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल 22.45 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति का अनुमान लगाया है। (भाषा)