रेलवे बोर्ड में सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने कहा कि सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली मुंबई मार्ग पर गाड़ियों को जीपीएस प्रणाली से लैस किया जाएगा। इस प्रणाली से गाड़ियों के परिचालन की सीधी निगरानी की जा सकेगी। इससे कैब सिगनलिंग की प्रणाली भी लागू की जा सकेगी जिससे कोहरे आदि कम दृश्यता वाली परिस्थितियों में भी गाड़ियों का परिचालन सुचारू रूप से संभव हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट अगले एक दो माह में शुरू होने की संभावना है। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद देश में सभी दस हजार से अधिक लोकोमोटिव्स में इसे लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए इंजन की छत पर एक फुट का एक वर्गाकार फ्रेम और स्टील प्लेट लगानी होगी जिसमें जीपीएस चिप लगी होगी तथा केबिन में एक स्क्रीन होगा जो आगे पीछे सिगनलों की स्थिति बताएगा। इससे लोकोपायलट को बाहर लगे सिग्नल देखने की ज़रूरत नहीं रह जाएगी।
जमशेद ने बताया कि इस तकनीक को इस साल उपयोग में लाना संभव नहीं है इसलिए रेलवे ने कोहरे को ध्यान में रखकर व्यापक इंतजाम किए हैं। उत्तर भारत में एक दिसंबर से 13 फरवरी के बीच जम्मू से लेकर बिहार तक के इलाके में 23 जोड़ी गाड़ियां रद्द कर दी गई हैं। 14 जोड़ी गाड़ियों की आवृत्ति घटाई गई है, चार जोड़ी गाड़ियों को आंशिक रद्द कर दी गई हैं और दो जोड़ी गाड़ियों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जाएगा।