प्रमुख विदेशी विश्‍वविद्यालयों की भारत में रुचि नहीं

सोमवार, 22 सितम्बर 2014 (18:49 IST)
नई दिल्ली। भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर स्थापित करने और इस बारे में पूर्व सरकार के विधेयक को पुनर्जीवित करने की चर्चा के बीच येल, कैम्ब्रिज, शिकागो, स्टैनफोर्ड, शेफील्ड हैलम जैसे दुनिया के कुछ प्रमुख विश्वविद्यालय भारत में परिसर स्थापित में कोई खास रुचि नहीं दिखा रहे हैं, हालांकि वे गठजोड़ एवं शैक्षणिक आदान-प्रदान के इच्छुक हैं।
भारत में परिसर स्थापित करने के बारे में एक सवाल के जवाब में ब्रिटेन स्थित शेफील्ड हैलम विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय संयोजक (दक्षिण एशिया) सुधा मैरी टोपो ने ई-मेल पर कहा कि अभी इस समय नहीं। हालांकि हम भारत में कई संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि छात्रों के करियर को ध्यान में रखते हुए जिस विषय में उनकी रुचि होगी, उसमें विशिष्ट सुविधा एवं संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। विश्वविद्यालय विभिन्न विषयों में 740 से अधिक कोर्स उपलब्ध कराता है।
 
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के हैड ऑफ कम्युनिकेशन टिम होल्ट ने ‘ई-मेल’ पर कहा कि उनका संस्थान भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ शोध और शैक्षणिक गठजोड़ का इच्छुक है। हम प्रतिस्पर्धी नहीं बनना चाहते। हम छात्रों और शिक्षकों के आदान-प्रदान पर जोर देना चाहते हैं।
 
कुछ समय पहले नई दिल्ली में शिकागो विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रॉबर्ट जे. जिमर ने कहा था कि वे भारत में अपना सेंटर खोलना चाहते हैं लेकिन स्थाई परिसर स्थापित करने का अभी इरादा नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि हम विचारों के मुक्त प्रवाह के लिए भारतीय संस्थाओं के साथ छात्र-शिक्षक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। हम गठजोड़ के माध्यम से शोध और छात्रवृति को बढ़ावा देना चाहते हैं। 
 
विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में परिसर स्थापित करने का प्रस्ताव संप्रग सरकार के समय तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने किया था। यह प्रस्ताव हालांकि परवान नहीं चढ़ सका।
 
केंद्र में भाजपा नीत सरकार बनने के बाद पिछले कुछ समय से भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर स्थापित करने संबंधी प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की खबरें आती रही हैं। ऐसी खबरें आई हैं कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है।
 
वर्जीनिया टेक स्टेट विश्वविद्यालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि वह भारत की बढ़ती आबादी, औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार एवं अन्य कारकों पर ध्यान दे रहा है। वह भारत के शिक्षण संस्थाओं के साथ गठजोड़ और आदान-प्रदान आधारित मॉडल के आधार पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग करना चाहता है।
 
स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय ने कुछ समय पहले अपने बयान में भारत में अपना स्थाई परिसर स्थापित करने से इंकार किया था। येल विश्वविद्यालय ने भी अपने बयान में कहा था कि उसकी भारत में परिसर स्थापित करने की कोई योजना नहीं है। (भाषा)

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