विशेष न्यायाधीश ब्रिजेश कुमार गर्ग ने अपने आदेश में कहा, 'इसके बाद शिकायतकर्ता (पूर्व रॉ कर्मचारी आर के यादव) ने विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराधों के लिए मुकदमे का सामना करने के लिए आरोपी व्यक्तियों को समन जारी किए जाने की अपील की।
उन्होंने कहा, 'इन गवाहों ने आरोपी व्यक्तियों की चल अचल संपत्ति के संबंध में विभिन्न दस्तावेज रिकार्ड पर रखे थे। लेकिन शिकायतकर्ता आरोपी नंबर एक यानी तत्कालीन रॉ प्रमुख के कार्यकाल में कथित रूप से अर्जित की गई चल अचल संपत्ति के संबंध में ठोस सबूत पेश करने में विफल रहे थे।' जज ने मौजूदा मामले में भी इस बात को रेखांकित किया कि आरोपी व्यक्ति नोएडा के निवासी हैं जो इस अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
जज ने कहा, 'इससे भी आगे की बात यह है कि शिकायतकर्ता के समन से पूर्व आरोपी नंबर एक के कार्यकाल के दौरान कथित रूप से आरोपियों द्वारा बड़े पैमाने पर अर्जित की गई चल अचल संपत्ति के संबंध में रिकार्ड में अपूर्ण दस्तावेज आए हैं।' उच्चतम न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए जज ने सीबीआई के निदेशक को 'जांच के रूप में खोजबीन' करने को कहा। जज ने कहा कि जांच अधिकारी पुलिस अधीक्षक से नीचे के रैंक का नहीं होना चाहिए और वह तीन महीने के भीतर अदालत को रिपोर्ट सौंपे। (भाषा)