यहां तक कि इस धोखाधड़ी के प्रकाश में आने बाद भी दोषियों ने पिछले एक हफ्ते में एसबीआई के देहरादून और मुंबई स्थित अन्य शाखाओं से 29 करोड़ रुपए से अधिक राशि उड़ाने की कोशिशें कीं। इसके लिए उन्होंने कथित तौर पर ‘क्लोन किए हुए चेक’ का इस्तेमाल किया। हालांकि ये कोशिशें नाकाम कर दी गईं। अस्पताल प्रशासन ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से संपर्क कर घोटाले की जांच की मांग की है।
एक अधिकारी के मुताबिक, एम्स ने स्वास्थ्य मंत्रालय को एक रिपोर्ट में कहा है कि एसबीआई की शाखाओं में जालसाजों द्वारा पेश किए गए चेक ‘अल्ट्रा वॉयलेट रे’ (पराबैंगनी किरण) जांच को पार कर गए और उसी क्रम संख्या के मूल चेक अब भी एम्स के पास पड़े हुए हैं। यह भी बताया गया है कि एसबीआई अन्य शाखाओं में सत्यापन प्रोटोकॉल पालन करने में नाकाम रही। साथ ही, बैंक से चोरी हुई यह राशि जमा करने को कहा गया है।