G20 Summit : मोदी का बेहतर वैश्विक शासन सुनिश्चित करने के लिए बहुपक्षीय संगठनों में सुधार का आह्वान
सोमवार, 23 नवंबर 2020 (02:05 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में कोविड-19 के बाद तेजी से उबरने के लिए बेहतर वैश्विक शासन सुनिश्चित करके के वास्ते बहुपक्षीय संगठनों में सुधार की जरूरत को दोहराया। मोदी ने शिखर सम्मेलन के दूसरे व अंतिम दिन अपने संबोधन में भागीदारी के माध्यम से समावेशी विकास के लिए भारत के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
जी20शिखर सम्मेलन की मेजबानी सऊदी अरब कर रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यह सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, सऊदी अरब द्वारा आयोजित वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन जी20 साझेदारों को फिर से संबोधित करने का सम्मान मिला।
मोदी ने अग्रणी अर्थव्यवस्था वाले 20 देशों के शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के संबंध में कई ट्वीट कर कहा, कोविड-19 के बाद तेजी से उबरने के लिए बेहतर वैश्विक शासन सुनिश्चित करके के वास्ते बहुपक्षीय संगठनों में सुधार की जरूरत को दोहराया। शिखर सम्मेलन में उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड के बाद उबरती अर्थ व्यवस्था और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं का आत्मानिर्भर भारत एक मजबूत स्तंभ होगा।
प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, मानवता और प्रकृति के बीच सद्भाव की भारत की सभ्यतागत प्रतिबद्धता और अक्षय ऊर्जा और जैव विविधता को बढ़ाने में हमारी सफलता को रेखांकित किया।
ट्रंप बोले, धरती को बचाना नहीं, अमेरिकी अर्थव्यस्था को बर्बाद करना है : जी-20 सम्मेलन में पेरिस जलवायु समझौते का विरोध करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक नेताओं से कहा कि इस समझौते को धरती को बचाने के लिए नहीं बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए तैयार किया गया है।
सऊदी अरब द्वारा आयोजित जी-20 सम्मेलन में व्हाइट हाउस से भेजे गए वीडियो बयान में ट्रंप ने कहा, 'अमेरिकी कामगारों की रक्षा के लिए मैंने अमेरिका को अन्यायपूर्ण और पक्षपाती पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकाल लिया था। यह अमेरिका के लिए बेहद नुकसानदायक था।'
धरती को बचाने के विषय पर दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के बीच चर्चा के दौरान ट्रंप ने ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि इस समझौते का मकसद पर्यावरण को बचाना नहीं बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करना है।
वहीं ट्रंप से उलट अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन कह चुके हैं कि वह इस समझौते में अमेरिका को दोबारा शामिल करेंगे, जिसे आकार देने में पांच साल पहले उन्होंने मदद की थी।