नई दिल्ली। देश में घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात अप्रैल में उछलकर 6.3 अरब डॉलर पहुंच गया। सोने के आयात का असर देश के चालू खाते के घाटे पर पड़ता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार हालांकि आलोच्य महीने में चांदी का आयात 88.53 प्रतिशत घटकर 1.19 करोड़ डॉलर रहा।
आंकड़े के अनुसार सोने का आयात पिछले साल अप्रैल में 28.3 लाख डॉलर (21.61 करोड़ रुपए) का है। स्वर्ण आयात बढ़ने से देश का व्यापार घाटा अप्रैल 2021 में 15.1 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल इसी महीने में 6.76 अरब डॉलर था।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात बढ़ा है। हालांकि कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी की दूसरी लहर से आने वाले महीनों में मांग प्रभावित हो सकती है।
सोने की खरीदारी के लिहाज से शुभ माने जाने वाले अक्षय तृतीया के दिन कोविड पूर्व स्थिति के मुकाबले बिक्री हल्की रही। महामारी के फैलने और उस पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों से उपभोक्ता धारणा प्रभावित हुई है।
अक्षय तृतीया के मौके पर सामान्य तौर पर 30-40 टन सोने की बिक्री होती है, लेकिन इस बार बिक्री एक टन से भी संभवत: कम रही है। देश का चालू खाते का घाटा दिसंबर तिमाही में 1.7 अरब डॉलर यानी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 0.2 प्रतिशत रहा।
भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है। मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए सोने का आयात किया जाता है। रत्न एवं आभूषण का निर्यात इस साल अप्रैल में उछलकर 3.4 अरब डॉलर रहा जो अप्रैल 2020 में 3.6 करोड़ डॉलर था। पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के कारण निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ा था।
मात्रा के हिसाब से देश में सोने का आयात 800 से 900 टन सालाना रहता है। सरकार ने बजट में सोने पर आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत (7.5 प्रतिशत सीमा शुल्क और 2.5 प्रतिशत कृषि बुनियादी ढांचा और विकास उपकर) कर दिया।(भाषा)