कई विधायकों को सता रहे हैं भूत

सोमवार, 5 मार्च 2018 (10:00 IST)
नई दिल्ली। बिहार से लेकर राजस्थान और मध्यप्रदेश से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक कई विधायकों को भूत सता रहे हैं और वे इससे निजात पाने के लिए ओझा-पंडित का चक्कर लगा रहे हैं वहीं तर्कवादी लोग विधायकों में ‘वैज्ञानिक सोच' की कमी पर चिंता जता रहे हैं।

बिहार में राजद विधायक एवं पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने हाल ही में पटना में अपना सरकारी बंगला यह कहते हुए खाली कर दिया कि वहां भूत है। राजस्थान में सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों को विधानसभा की इमारत ही भूतों से भरी लगती है।

तेज प्रताप ने मीडिया को कहा, ‘मैंने बंगला खाली करने का फैसला कर लिया क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसमें भूत छोड़ दिया है। उधर, राजस्थान विधानसभा के विधायक भी भूत से डर रहे हैं।

भाजपा विधायक हबीबुर रहमान का मानना है कि विधानसभा की इमारत जिस जमीन पर बनी है, उसके एक हिस्से में श्मशान था और इसलिए अपवित्र है। रिपोर्टों के अनुसार उस समय दहशत मच गई जब सिर्फ छह महीने के अंदर दो विधायकों की मौत हो गई। अब ‘शुद्धीकरण अनुष्ठान’ की बात चल रही है। तर्कवादी और वैज्ञानिक चिंतन के प्रचार-प्रसार से जुड़े लोग इस पर चिंता जता रहे हैं।

वैज्ञानिक चिंतन के कारण मारे गए तर्कवादी नरेन्द्र डभोलकर की बेटी मुक्ता डभोलकर ने कहा कि यह दुखदाई है कि विधायकों में वैज्ञानिक चिंतन नहीं है। उन्होंने कहा, 'अगर कुछ सही नहीं चल रहा है तो इसके कुछ स्पष्टीकरण हैं। आप इसकी व्याख्या काला जादू या श्राप के रूप में नहीं कर सकते हैं।' दाभोलकर अपने पिता के महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की सदस्य भी हैं।

उन्होंने कहा, या फिर वे लोगों को वास्तविक मुद्दे से भटकाना चाहते हैं। वरिष्ठ भाकपा नेता अतुल कुमार अंजान ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अंधविश्वास को संरक्षण देने का काम कर रही है। यादव, हालांकि भाजपा का विरोध करनेवाली पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। अंजान ने याद करते हुए कहा कि कुछ साल पहले केंद्र के एक मंत्री ने तांत्रिकों को बुलाया था। अंजान ने कहा कि मंत्री ने इस तरह की जानकारी को विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की भी बात कही थी।

‘काला जादू’ कहे जाने वाले इस समस्या को खत्म करने के लिए प्रयास भी किए गए हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा के कुछ सदस्यों ने दिसंबर में पिछले चार वर्षों में हुए नौ विधायकों की मौत पर सवाल खड़े करते हुए पूजा आयोजित करने की मांग की थी। उनका दावा था कि इमारत में ‘वास्तु दोष’ है।

अरुणाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में मुख्यमंत्री के आधिकारिक बंगले को राज्य के गेस्ट हाउस में तब्दील करने का निर्णय लिया है। इस बंगले के बारे में कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल द्वारा आत्महत्या करने के बाद यह भूत के साए में है। पुल ने पिछले साल 9 अगस्त को आत्महत्या कर ली थी।

माकपा के नेता मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘यह बुरा है कि ऐसे समय में जब हमारे पास मंगलयान है और हम चांद पर कालोनी बसाने की बात कर रहे हैं तो कुछ लोग पुराने समय की काल्पनिक कहानियों को स्थापित कर रहे हैं और उसे आधुनिक माध्यमों द्वारा फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।' (भाषा)

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