खबरों के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इससे रोजाना लाखों कंज्यूमर्स प्रभावित हो रहे हैं। रेस्त्रां और होटल उद्योग संघों का दावा है कि यह व्यवहार कानूनी रूप से गलत नहीं है। वहीं उपभोक्ता मामलों के विभाग का विचार है कि यह ग्राहकों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। साथ ही यह अनुचित व्यापार व्यवहार है।
सिंह ने कहा, हम जल्द ही एक कानूनी ढांचे पर काम करेंगे। अभी वर्ष 2017 के दिशानिर्देश थे, जो उन्होंने लागू नहीं किए हैं। दिशानिर्देशों को आमतौर पर कानूनी रूप से लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि एक कानूनी ढांचा इस व्यवहार को रोकने के लिए उन पर कानूनी रूप से बाध्यकारी होगा।