उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार जीएसटी विधेयक को लाई थी। लेकिन उस समय उन लोगों ने इसका विरोध किया था, जो आज सत्ता में है। इसके 7.8 वर्ष गुजर गए। देश को प्रतिवर्ष 1.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इस अवधि में करीब 12 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जीएसटी के प्रस्तावित प्रावधान इसकी मूल भावना के विपरीत हैं और कई तरह के कर, उपकर और सरचार्ज बने रहने के कारण एक राष्ट्र, एक कर की अवधारणा मिथक ही हैं।
उन्होंने कहा कि वस्तुओं की अंतर राज्य आवाजाही के बारे में जो प्रावधान किए गए हैं, वे लालफीताशाही को बढ़ावा देने वाले हैं। जीएसटी में उच्च कर प्रावधान उद्योगों पर आघात करने वाले हैं। मोइली ने कहा कि इसे राज्यसभा में विचार के लिए नहीं लाया जाना एक आघात है। यह बहुमत का दुरुपयोग है। (भाषा)