जीएसटी के तहत पचास हजार रुपए से अधिक मूल्य के किसी भी वस्तु को दूसरी जगह ले जाने से पहले उसके ऑनलाइन पंजीकरण का प्रावधान के लिए केंद्रीकृत सॉफ्टेवयर मंच के तैयार हो जाने के बाद अक्टूबर से लागू होने की संभावना है।
ई-वे बिल यानी 'इलेक्टानिक-पथ बीजक' नामक यह प्रणाली वाणिज्यिक वस्तुओं को एक जगह से दूसरे जगह वैध तरीके से भेजने में आसनी के लिए है। इसके जरिए माल का पंजीकरण एवं उसके सत्यापन की ऑनलाइन बुनियादी सुविधा होगी। कर अधिकारी हाथ में रखी जा सकने वाली मशीन से इसका सत्यापन कर सकेंगे।
राष्ट्रीय सूचना केंद्र जीएसटी नेटवर्क के साथ मिलकर ई-वे बिल सिस्टम के लिए सूचना प्रौद्योगिकी तैयार कर रहा है। जीएसटी नेटवर्क ने ही नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लिए आईटी मेरदंड तैयार किया है।
केंद्र ने भी उस समयसीमा प्रावधान में ढील देने का फैसल किया है जिसके तहत वस्तुओं की 1000 किलोमीटर की ढुलाई से 20 दिन पहले जीएसटीएन द्वारा ई-वे बिल तैयार किया जाएगा। पहले यह 15 दिन था।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'हम आशा करते हैं कि ई-वे बिल तीन महीने में लागू किया जाएगा क्योंकि तब तक हमें समेकित ई-वे बिल के लिए बुनियादी ढांचा तैयार हो जाने की उम्मीद है।' (भाषा)