एसोसिएशन उप-प्रधान श्रीभगवान बंसल ने बताया कि पहले एक दिन की हड़ताल की गई थी जिससे 20 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ था। अब तीन दिन की हड़ताल से 60 हजार करोड़ रुपए का नुकसान का अनुमान है। देशभर के कपड़ा व्यापारियों के प्रतिनिधियों ने रविवार को यहां राष्ट्रीय राजधानी में एकत्र होकर आगे की रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया।
एसोसिएशन के प्रधान अरुण सिंहानिया ने सरकार से अपील की कि कपड़ा पर जीएसटी लगाने पर केन्द्र सरकार 30 जून की जीएसटी परिषद् की बैठक में पुनर्विचार करे। कपड़ा व्यापारियों, उनसे जुड़े कर्मचारियों तथा उनके परिवार और जनता पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को रोकने के लिए पुनर्विचार किया जाए।