जानकारी के अनुसार, श्रीनगर के रंगरेथ इलाके में पुलिस को आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके तुरंत बाद पुलिस और सुरक्षाबलों ने संयुक्त ऑपरेशन चलाते हुए आतंकवादियों के छिपे हुए ठिकाने को घेरने का प्रयास किया। इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग करना शुरू कर दी।
सुरक्षाबलों ने सबसे पहले छिपे आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी। बार-बार आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन आतंकवादियों ने इसे अनसुना कर दिया और सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस और सुरक्षाबलों ने संयुक्त अभियान के दौरान आतंकवादियों के खिलाफ भी फायरिंग करना शुरू कर दी।
कुछ घंटों की मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ कमांडर को मार गिराया। पहले सुरक्षाबलों को इसके प्रति विश्वास नहीं हुआ था। बाद में जब उन्होंने उसकी पहचान की तो सुरक्षाधिकारी खुशी के मारे झूम उठे क्योंकि इस साल मई महीने में हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ कमांडर रियाज नाइकू की मौत के बाद डॉ. सैफुल्लाह सुरक्षाबलों के लिए सिरदर्द इसलिए बना हुआ था क्योंकि वह टीआरएफ के नाम से भी दहशत फैला रहा था।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी जिस ठिकाने में छिपे थे वहां के आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित ठिकानों की ओर से निकाला गया था। सुरक्षाबलों की कोशिश थी कि आतंकवादियों से किसी भी कीमत पर आत्मसमर्पण करवाया जा सके। गत महीने भी सुरक्षाबल आतंकवादियों से आत्मसमर्पण करवाने में कामयाब रहे थे। इसमें आतंकवादियों के परिजनों ने भी अहम भूमिका निभाई थी।