गणतंत्र दिवस से पहले आतंकी हमले की साजिश को भारतीय सेना ने किया विफल, जैश के 3 आतंकी ढेर
शनिवार, 25 जनवरी 2020 (22:07 IST)
श्रीनगर। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के स्वयंभू प्रमुख कारी यासिर सहित 3 आतंकवादियों को मार गिराया। यह भारतीय सेना के लिए एक बड़ी सफलता है।
पुलिस और सेना के अधिकारियों ने बताया कि यासिर पिछले साल पुलवामा हमले में शामिल था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल-ऑफिसर-कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों और पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि आतंकवादी समूह गणतंत्र दिवस पर एक बड़े हमले की योजना बना रहा था, लेकिन अब वह खतरा टल गया है।
कुमार ने कहा कि त्राल मुठभेड़ में हमने 3 आतंकवादियों को मार दिया जिसमें जैश ए मोहम्मद के कश्मीर क्षेत्र के स्वयंभू प्रमुख कारी यासिर शामिल था।
वह पिछले साल फरवरी (आईईडी) विस्फोट और लेथपोरा (आईईडी) विस्फोट में शामिल था। वह एक आईईडी विशेषज्ञ है और उग्रवादियों की भर्ती के साथ-साथ पाकिस्तान से उन्हें लाने-ले जाने में भी शामिल था।
गोलीबारी में सेना के 3 जवान घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आईजीपी ने कहा कि पुलिस को श्रीनगर या उसके आसपास आईईडी हमले के बारे में लगातार जानकारी मिल रही थी।
उन्होंने कहा कि हमें बुरहान और यासिर के नाम पता थे। उनका एक दोस्त और यासिर का दूसरा कमांडर मूसा भी उसके साथ था। हमें यकीन है कि शवों की पहचान कर लेंगे तो उनमें से एक यासिर होगा, क्योंकि हमारी जानकारी के अनुसार वे वहीं मौजूद थे। यासिर और मूसा पाकिस्तान के हैं जबकि बुरहान स्थानीय निवासी था।
लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लो ने कहा कि 3 आतंकवादियों के मारे जाने के साथ 26 जनवरी को नियोजित एक बड़ा खतरा टल गया है। उन्होंने कहा कि कुछ समय से जैश ए मोहम्मद क्षेत्र में सक्रिय होकर गणतंत्र दिवस पर कुछ सनसनीखेज करने की योजना बना रहा था। उन्होंने कहा कि अभियान अब भी जारी है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल के पुलवामा हमले के बाद सेना ने जैश ए मोहम्मद को निष्क्रिय कर दिया था, लेकिन आतंकी समूह खुद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा था।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादी जैश को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे थे… लेकिन जैश को एक बार फिर से साफ कर दिया गया है। बकौल, एचएम, इसका शीर्ष नेतृत्व भी कश्मीर घाटी में समाप्त हो गया है।
घाटी में अल-बद्र और लश्कर-ए-तैयबा का की उपस्थिति न के बराबर है। इसलिए पाकिस्तानी आतंकवादियों सहित कश्मीर में आतंकवाद का अधिकांश नेतृत्व कमोबेश समाप्त हो चुका है।
घाटी में आतंकवादियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर आईजीपी ने कहा कि घाटी में लगभग 125 आतंकवादी सक्रिय थे, जिनमें ज्यादातर स्थानीय थे।
नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ के बारे में पूछे जाने पर कमांडर ने कहा कि पाकिस्तान और उसकी सेना भारत में अधिक आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश कर रही थी।