सीमाओं की सुरक्षा के लिए भारत बनाएगा एंटी ड्रोन यूनिट, गृहमंत्री शाह ने बताया क्यों लिया ये फैसला

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

रविवार, 8 दिसंबर 2024 (18:48 IST)
Indian border News : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि भारत अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए जल्द ही एक वृहद् ड्रोन रोधी इकाई बनाएगा क्योंकि आने वाले दिनों में इस तरह का खतरा गंभीर होने वाला है। शाह ने कहा कि लेजर से लैस ड्रोन रोधी गन-माउंटेड के शुरुआती नतीजे प्रभावशाली रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन को निष्क्रिय करने और उनका पता लगाने की क्षमता तीन प्रतिशत से 55 प्रतिशत तक बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान से सटी भारत की सीमा पर इस वर्ष 260 से अधिक ड्रोन गिराए गए या बरामद किए गए हैं। 
 
भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 300 किलोमीटर दूर प्रशिक्षण शिविर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 60वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में जवानों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि लेजर से लैस ड्रोन रोधी गन-माउंटेड के शुरुआती नतीजे प्रभावशाली रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन को निष्क्रिय करने और उनका पता लगाने की क्षमता तीन प्रतिशत से 55 प्रतिशत तक बढ़ी है।
ALSO READ: साल 2014 से पहले की सरकारों ने पूरे मन से काम नहीं किया : अमित शाह
शाह ने कहा, आने वाले दिनों में ड्रोन का खतरा और भी गंभीर होने वाला है... हम इससे निपटने के लिए पूरे भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए रक्षा तथा अनुसंधान संगठनों और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम आने वाले समय में देश के लिए एक वृहद् ड्रोन रोधी इकाई बनाने जा रहे हैं।
 
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान से सटी भारत की सीमा पर इस वर्ष 260 से अधिक ड्रोन गिराए गए या बरामद किए गए हैं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 110 ड्रोन का था। हथियार तथा मादक पदार्थ तस्करी के लिए इस्तेमाल किए गए ड्रोन सबसे अधिक पंजाब और कुछ राजस्थान तथा जम्मू में मार गिराए या बरामद किए गए। गृहमंत्री ने परेड की समीक्षा की, सलामी ली और वीरता पुरस्कार विजेताओं को पदक और कुछ अन्य अलंकरण प्रदान किए।
ALSO READ: India-China : भारतीय सेना ने शुरू की पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में गश्त
बीएसएफ की स्थापना एक दिसंबर 1965 को की गई थी जिसमें फिलहाल 2.65 लाख जवान हैं। मुख्य रूप से इसका काम देश के आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कर्तव्यों के निर्वहन के साथ-साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ 6,300 किलोमीटर से अधिक की भारतीय सीमा की सुरक्षा करना है।
 
शाह ने कहा कि पाकिस्तान (2,289 किलोमीटर) और बांग्लादेश (4,096 किलोमीटर) से सटी भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए शुरू की गई एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) पर काम प्रगति पर है। उन्होंने कहा, हमें असम के धुबरी (भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा) में नदी सीमा पर स्थापित सीआईबीएमएस के प्रभावशाली परिणाम देखने को मिल रहे हैं लेकिन कुछ सुधार की जरूरत है।
ALSO READ: साई पल्लवी ने भारतीय सेना को लेकर कह दी ऐसी बात, सोशल मीडिया यूजर्स ने लगाई क्लास
गृहमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तरी सीमाओं पर बसी आबादी के विकास और उसे मुख्यधारा में लाने के लिए मोदी सरकार के ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ को देश के सभी सीमावर्ती गांवों के लिए लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 48,000 करोड़ रुपए की निधि आवंटित करने के साथ सीमा सुरक्षा को बढ़ाना और इन दूरदराज के इलाकों में रहने वाली आबादी के लिए काम करना मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। अमित शाह ने कहा, इस पहल के तहत लगभग 3,000 गांवों में प्रायोगिक आधार पर काम किया जा रहा है।
 
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत की सीमाओं को मजबूत करने के लिए बड़ा बजट मंजूर किया है जिसके तहत बाड़ लगाने, सीमावर्ती बुनियादी ढांचा, सड़कें और अन्य रसद से जुड़े काम किए गए हैं। उन्होंने कहा, बिना सुरक्षाबलों के भारत के लिए 2047 तक नंबर-एक देश बनना संभव नहीं है... वे जवान जो समर्पण के साथ हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं। शाह ने बताया कि मोदी सरकार ने 1,812 किलोमीटर सड़कों के अलावा लगभग 573 नई सीमा चौकियां बनाई हैं।
 
बीएसएफ के महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि 13,226 नए प्रशिक्षित जवानों को विभिन्न बटालियनों में तैनात किया गया है और इससे बल की संचालन ताकत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि नए भर्ती किए गए 4,000 अतिरिक्त जवान प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि लगभग 12,000 जवान अगले माह सीमा पर तैनात होने से पहले सुरक्षा और युद्ध कौशल सीखने के लिए बल में शामिल होंगे।
ALSO READ: थलसेना प्रमुख जनरल द्विवेदी बोले, भारतीय सेना सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार
चौधरी ने हथियार और मादक पदार्थ तस्करी के लिए पाकिस्तान सीमा से भेजे जा रहे ड्रोन की बढ़ती संख्या के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि इस साल पश्चिमी सीमा पर 250 से अधिक ड्रोन को रोका गया। उन्होंने कहा, हमने इस खतरे से निपटने के लिए डीआरडीओ द्वारा निर्मित ड्रोन रोधी प्रणाली स्थापित की है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी