ADGP Puran Kumar suicide case: हरियाणा में सुसाइड करने वाले एडीजीपी वाई. पूरन कुमार मामले में नया मोड़ आ गया है। परिजनों ने जांच दल को कुमार का लैपटॉप देने से इंकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि कुमार ने अपना सुसाइड नोट अपने लैपटॉप से ही टाइप किया था। यही कारण है कि इस मामले में जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है।
इसलिए अटकी है जांच : माना जा रहा है कि पूरन कुमार के लैपटॉप से जांच दल को उनके सुसाइड से जुड़े कुछ सबूत मिल सकते हैं, जिससे जांच को आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है। परिजनों द्वारा लैपटॉप नहीं देने से फिलहाल जांच अटकी हुई है। साथ ही परिजनों ने कुमार का पोस्टमार्टम कराने से भी इंकार किया है। इससे पहले चंडीगढ़ के डीजीपी ने कहा था कि बिना परिवार की अनुमति के पोस्टमार्टम नहीं कराया जाएगा। दूसरी ओर, परिवार हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत की गिरफ्तारी पर अड़ा हुआ है।
कई अधिकारियों पर एफआईआर : इस मामले में दर्जनभर पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया को हटा दिया गया है। चंडीगढ़ पुलिस ने आईजी पुष्पेंद्र कुमार की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। जिस समय पूरन कुमार ने आत्महत्या की थी, उस समय उनकी आईएएस पत्नी हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ विदेश दौरे पर थीं। 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार (52) ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली।