Railway news in hindi : आईआरसीटीसी ने प्राइवेट ट्रेनों के विलंब पर यात्रियों को हर्जाना देने की योजना को बंद कर दिया है। साथ ही गोपनीयता नीति का हवाला देते हुए इस योजना को बंद करने का कारण बताने से इनकार किया है। समाचार एजेंसी भाषा को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दाखिल आवेदन के जवाब में यह जानकारी प्राप्त हुई।
आईआरसीटीसी के मुताबिक, इस योजना के तहत चार अक्टूबर 2019 से इस वर्ष 16 फरवरी तक यात्रियों को 26 लाख रुपए हर्जाने के तौर पर दिए गए। इसमें से अकेले 2023-24 में 15.65 लाख रुपए का हर्जाना यात्रियों को दिया गया। प्राइवेट ट्रेनों के विलंब या देरी से चलने की स्थिति में हर्जाना प्रदान करने वाली योजना 15 फरवरी 2024 को बंद कर दी गई।
आरटीआई के तहत मिली सूचना के अनुसार, आईआरसीटीसी ने 2019-20 में 1.78 लाख रुपए, 2020-21 में शून्य, 2021-22 में 96 हजार रुपए, 2022-23 में 7.74 लाख रुपए और 2023-24 में 15.65 लाख रुपए का हर्जाना यात्रियों को दिया गया है। ट्रेन में देरी पर यात्री को दी जाने वाली हर्जाना राशि संबंधी सवाल पर आईआरसीटीसी ने बताया कि 60 से 120 मिनट की देरी पर 100 रुपया और 120 से 240 मिनट के विलंब के लिए 250 रुपया यात्री को हर्जाने के तौर पर दिया जाता था।
आईआरसीटीसी 2 तेजस ट्रेनों का संचालन करता है जिसमें से एक नई दिल्ली से लखनऊ (चार अक्टूबर 2019 से) और दूसरी अहमदाबाद से मुंबई (17 जनवरी 2020 से) के लिए शुरू की गई थी। जानकारी के मुताबिक, यात्रियों को हर्जाना देने के पीछे का कारण यात्रियों को इन ट्रेनों के प्रति आकर्षित करना था, जो मार्केटिंग गतिविधियों का हिस्सा था।