मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पूर्व) ने शर्मिला को रिहा करने का आदेश दिया जिस पर अफ्सपा निरस्त करने को लेकर दबाव बनाने के वास्ते एक अनिश्चित कालीन अनशन करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के तहत आरोप लगाया गया है। अदालत ने शर्मिला को रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि इस महिला के खिलाफ आत्महत्या के प्रयास का कोई सबूत नहीं है।