भारत का आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ रुख का आह्वान

शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2014 (18:25 IST)
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वैश्विक बुराई से प्रभावी ढंग से निपटने और मानवाधिकार मानकों के बीच सही संतुलन बिठाते हुए दहशतगर्दी के खिलाफ स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन में प्रथम सचिव मयंक जोशी ने यहां ‘मानवाधिकार प्रोत्साहन और संरक्षण’ विषय पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में कहा कि आतंकवाद भय के जरिए स्वतंत्रता के सिद्धांत को चुनौती देता है और यह मानवाधिकारों के पूर्ण उपयोग के लिए बड़े खतरों में से एक है।

लोकतंत्र, मानव गरिमा, मानवाधिकार और विकास पर आतंकवाद एक हमला है। जोशी ने हालांकि कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने और मानवाधिकार प्रोत्साहन के बीच संबंध की समझ को लेकर दुर्भाग्य से संदेह और गलतफहमी है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ आतंकवाद से अनिवार्य ढंग से निपटने और दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार मानकों का पूरी तरह से पालन करने के बीच संतुलन बिठाना एक चुनौती है।

जोशी ने जोर देकर कहा कि मानवाधिकारों, मौलिक स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर चोट करने तथा क्षेत्रीय अखंडता एवं देशों की सुरक्षा और वैध तरीके से गठित सरकारों को अस्थिर करने पर केंद्रित आतंकवाद को नियंत्रित करने और रोकने में सहयोग को मजबूत करने के क्रम में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दहशतगर्दी के खिलाफ स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाना चाहिए। (भाषा)

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