उन्होंने कहा, अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों का भविष्य अब बदल रहा है, अब तक अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियां केवल इसरो तक ही सीमित थीं, लेकिन अब इसमें निजी क्षेत्र को भी समान अवसर उपलब्ध करा रहे हैं।
उन्होंने कहा, हम उनकी पूरी मदद करेंगे और उन्हें इसरो के स्तर तक लाने का काम करेंगे, ताकि इसरो अब तक जो भी औद्योगिक प्रकृति के काम कर रहा है उन सबको उद्योगों के हवाले किया जा सके और हम भविष्य की नई खोज में अपना पूरा ध्यान लगा सकें। इससे भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के अगले स्तर तक ले जाया जा सकेगा।
शिवन ने कहा, भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के लिए किए गए सुधारों के हिस्से के तौर पर निजी क्षेत्र को सभी अंतरिक्ष गतिविधियों में भाग लेने की सुविधा के लिए भारतीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकार केन्द्र (इन-स्पेस) की स्थापना की घोषणा की गई है।