नई दिल्ली। कंस का वध तथा कालिया नाग का मर्दन करके लोगों की रक्षा करने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन 'जन्माष्टमी' राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में धार्मिक हर्षोल्लास एवं पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर दिल्ली के एस्कॉन और बिडला मंदिर में विशेष तैयारियां की गई। मंदिरों को फूलों, झालरों और रंगीन बल्बों से बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया। सुबह से ही श्रद्धालुओं का मंदिरों की तरफ जाना शुरू हो गया और वे पूरी भक्ति भाव से हरे रामा-हरे कृष्णा की धुन पर झूमते रहे।
श्रीकृष्ण के इन दो मुख्य मंदिरों में अलावा भी राजधानी के सभी छोटे-बड़े मंदिरों में जन्माष्टमी की धूम रही। एक ओर जहां मंदिरों में श्री कृष्ण की झांकियां निकाली गईं वहीं दूसरी ओर छोटे-छोटे बच्चे भी कन्हैया की वेशभूषा में नजर आए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, सभी देशवासियों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। मैं कामना करता हूं कि यह पर्व हम सभी के जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाए।
श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में जन्माष्टमी का विशेष आयोजन किया गया। इस पावन पर्व पर समूचा ब्रजमंडल कृष्णमय हो उठा हालांकि ब्रज के पांच मंदिरों में ही आज जन्माष्टमी मनाई जा रही है तथा शेष मंदिरों में जन्माष्टमी रविवार को मनाई जाएगी मगर तीर्थयात्रियों का हुजूम जिस प्रकार से यहां पर उमड पड़ा उसने मंदिरों में अभिषेक तथा अन्य कार्यक्रमों में चार चांद लगा दिए। चारों तरफ 'नन्द के लाला की जय' 'श्यामा श्याम की जय' और 'जय जय श्री राधे' की गूंज रही।
वृन्दावन के शाहजी मंदिर में दिन में जन्माष्टमी मनाए जाने के कारण तीर्थयात्रियों का जमावड़ा सुबह से लगा रहा। यमुना जल से अभिषेक करने के बाद कई मन दूध, दही, घी, शहद और बूरे से वैदिक मंत्रों के मध्य जब श्रीकृष्ण का अभिषेक किया गया तो संपूर्ण वातावरण कुछ समय तक 'श्यामा, श्याम' के जयकारों से गूंजता रहा। इस मंदिर के निर्माण से लेकर आज तक दिन में जन्माष्टमी मनाने की परंपरा चली आ रही है।
वृन्दावन में नियमित दर्शन के अलावा कई कम्प्यूटराइज्ड झांकियां भी तैयार की गई जिनमें बालकृष्ण को यमुना पार करके गोकुल ले जाने की झांकी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी रही। यहां के कई मंदिरों में सुबह से रात 12 बजे तक हरिनाम कीर्तन चलता रहा।
वृन्दावन के कृष्ण बलराम मंदिर में ठाकुरजी का श्रृंगार रंग-बिरंगे विदेशी फूलों से इस प्रकार किया गया था कि जो भी ठाकुर की अप्रतिम छवि को देखता धन्य हो जाता। इस मंदिर में बिना अन्न जल ग्रहण किये विदेशी कृष्णभक्त हरिनाम संकीर्तन करते रहे। पूरा वातावरण कृष्णमय हो आया।
इससे पूर्व शुक्रवार की शाम से ही गोवर्धन की परिक्रमा प्रारंभ हो गई थी। एक अनुमान के अनुसार शुक्रवार की शाम से अब तक कम से कम चार लाख तीर्थयात्री गोवर्धन की परिक्रमा कर चुके हैं।
उधर द्वारकाधीश मंदिर में भक्तों का हुजूम ऐसा उमड़ा कि लोगों को ठाकुर की एक झलक पाना मुश्किल हो गया। इसी प्रकार अभिषेक के दर्शन के लिए कुछ लोगों को तो मंदिर के खंभों तक पर चढ़ना पड़ा। ब्रज में हर ओर उमंग और हर्षोल्लास का वातावरण दिखाई पड़ा।
मथुरा के अलावा देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम रही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक से भेंट करके उन्हें जन्माष्टमी की बधाई दी।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म दिवस जन्माष्टमी का पर्व समूचे मध्यप्रदेश में पारंपरिक श्रद्धा और हर्षोल्लास से मनाया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सरकारी निवास पर जन्माष्टमी का आयोजन किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने बरखेड़ी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की और वे यादव समाज द्वारा आयोजित भगवान श्रीकृष्ण की शोभायात्रा में भी शामिल हुए। (वार्ता)