नाथूराम गोडसे को नेहरू को मारना चाहिए था: आरएसएस

शनिवार, 25 अक्टूबर 2014 (10:08 IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की केरल ईकाई के मुखपत्र केसरी में 17 अक्टूबर को छपे एक लेख में एक भाजपा नेता ने अप्रत्यक्ष रूप से यह इशारा किया गया है कि नाथूराम विनायक गोडसे को महात्मा गांधी को नहीं बल्कि जवाहरलाल नेहरू को मारना चाहिए था। लेख पर विवाद खड़ा होने और राजनीतिक दलों के निशाने पर आने के बाद खुद को इससे अलग कर लिया है।
मुखपत्र के लेख में लिखा है कि अगर इतिहास के विद्यार्थियों ने ईमानदारी से बंटवारे के पहले के ऐतिहासिक तथ्यों और गोडसे के विचारों का अध्ययन किया होता तो वे इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते थे कि गोडसे ने गलत निशाना चुना। 
 
लेख में लिखा है कि जवाहरण लाल नेहरू को महात्मा गांधी से कोई लगाव नहीं था। नेहरू  विश्व नेता बनना चाहते थे और वे गांधी की लोकप्रियता से जलते थे। नेहरू की राजनीति स्वार्थ की थी और वे विभाजन और गांधी की हत्या के जिम्मेदार हैं।
 
अंग्रेजी समाचार पत्र डेक्कन क्रॉनिकल की खबर के मुताबिक लेख भाजपा नेता बी.गोपालकृष्णन ने लिखा है। गोपालाकृष्णन केरल की चालाकुडी लोकसभा सीट से भापा के टिकट पर चुनाव लड़े थे।
 
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए गोपालकृष्णन ने कहा है कि उनके लेख का मकसद अंग्रेजों द्वारा गलत तथ्यों पर लिखे गए इतिहास को एक्सपोज करना है। वह कहते हैं, 'नेहरू शुरू से ही स्वार्थी और पाखंडी थे। वह अपने से ऊपर कांग्रेस में किसी को नहीं देखना चाहते थे। गांधी जी की लोकप्रियता और प्रभाव से वह ईर्ष्या करते थे। नेहरू कभी भी गांधी के अनुयायी नहीं रहे। वह अंग्रेजों के पसंदीदा थे और इतिहास इस तरह से लिखा गया कि नेहरू को महान बनाया जा सके। अब समय आ गया है कि इतिहास को फिर से लिखा जाए।' 
 
पूरे लेख में इस बात पर तर्क किया गया है कि गांधी की हत्या में संघ का कोई हाथ नहीं था और गोडसे स्वयंसेवक नहीं था, लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है कि गोडसे नेहरू से बेहतर था। 
 
लेख में कहा गया है कि वैश्विक नेता बनने के लिए नेहरू को गांधीजी का नाम, खादी और टोपी चाहिए थी। गोडसे नेहरू से कहीं ज्यादा बेहतर था। उसने सम्मानपूर्वक झुकने के बाद उन्हें गोली मारी। वह नेहरू जैसा नहीं था कि आगे से झुका और पीठ में छुरा भोंक दिया।

अगले पन्ने पर क्या कहा कांग्रेस ने...

कांग्रेस की केरल इकाई ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र (केसरी) में प्रकाशित एक लेख को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की है जिसमें भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को नीचा दिखाने की कोशिश की गई है।  केरल प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव सूरानद राजशेखरन की आेर से इस बारे में कार्रवाई किए जाने की मांग पर राज्य के गृह मंत्री रमेश चेन्नीतला ने डीजीपी के एस बालसुब्रमण्यम से इस मुद्दे पर गौर करने तथा आवश्यक होने पर कार्रवाई करने को कहा है।

बहरहाल, साप्ताहिक पत्रिका के संपादक ने इस लेख का समर्थन करते हुए कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। लेख भाजपा की राज्य समिति के सदस्य बी गोपालकृष्णन ने लिखा है। इसमें कहा गया है कि ‘वास्तव में नेहरू देश के विभाजन तथा गांधी की हत्या सहित अन्य त्रासदियों के लिए जिम्मेदार थे।’

इस लेख पर कड़ी आपत्ति जताते हुए केरल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष वी एम सुधीरन ने कहा कि यह संघ परिवार का इतिहास को तोड़मरोड़ कर पेश करने और नेहरू को अपमानित करने का एक और प्रयास है।

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