न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि कोरोना के कारण देश में सब कुछ रोका नहीं जा सकता। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, कि क्या देश में सब कुछ रोक दिया जाए? एक कीमती साल (बच्चों का) को यूं ही बर्बाद हो जाने दिया जाए?
कोविड-19 महामारी के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सिंतबर में प्रस्तावित जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षाओं को टालने की मांग की गई थी। 11 राज्यों के 11 छात्रों ने देश में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 महामारी के मामलों की संख्या के मद्देनजर जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षाएं स्थगित करने के अनुरोध के साथ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। (वार्ता)