भारत में फेसबुक पर जानबूझकर घृणा और नफरत फैलाने वाले कंटेंट को बढ़ावा देने और उसकी निष्पक्षता को लेकर शुरु हुआ विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। पूरे विवाद की सुनवाई कर रही है दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव कमेटी ने पूरे मामले में फेसबुक के खिलाफ खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पत्रकार आवेश तिवारी को समन भेजकर अपना पक्ष रखने को कहा है।
आप नेता राघव चड्ढा की अगुवाई वाली शांति और सद्भाव कमेटी की तरफ से पत्रकार आवेश तिवारी को जो पत्र भेजा गया है उसके मुताबिक कमेटी को अब तक की जांच में इस बात का पता चला है कि फेसबुक पर मौजूद कंटेट निष्पक्ष नहीं है और उसकी पॉलिसी डायरेक्टर आंखी दास ने जानबूझकर हिंदू राष्ट्रवादी व्यक्तियों और समूहों को रियायत दे रही है।
आवेश कहते हैं कि फेसबुक पर आरोप लग रहा हैं कि वह धार्मिक आधार पर भेदभाव करता है और सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में खड़ा है। इसी मुद्दे को लेकर दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव कमेटी सुनवाई कर रही है जिसमें 2 सितंबर को फेसबुक के अधिकारियों को पेश होना है उसके पहले कमेटी ने सोमवार (31 अगस्त) को सुबह 10:30 बजे मुझे अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा गया है।
बातचीत में आवेश कहते हैं कि वह कमेटी को प्रमाणों सहित इस बात को बताएंगे कि फेसबुक और फेसबुक की पॉलिसी डायरेक्टर आंखी दास किस तरह हेट स्पीच को बढ़ावा दे रही है और फेसबुक की वजह से किस तरह सांप्रदायिक उन्माद फैला है। वह दिल्ली विधानसभा की कमेटी के सामने इस बात को प्रमाण समेत बताएंगे कि कैसे फेसबुक केवल हेटस्पीच को न केवल बढ़ावा दे रहा है बल्कि शांति, प्रेम और सद्भाव की बातों को भी हटा रहा हैं। फेसबुक उन कंटेट को भी हटा रहा है जिससे लोग एक दूसरे से जुड़ते हैं यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है। आवेश कहते हैं कि वह विधानसभा की कमेटी के सामने इस बात को भी रखेंगे कि कैसे फेसबुक ने उनकी आवाज पर रोक लगाने के लिए उनको बार-बार ब्लॉक किया गया।
आवेश कहते हैं कि उन्होंने द वॉल स्ट्रीट जर्नल में फेसबुक को लेकर आर्टिकल छपने के बाद फेसबुक की पॉलिसी डायरेक्टर आंखी दास को लेकर एक लंबी पोस्ट लिखी थी। जिसके बाद आंखी दास ने मेरे खिलाफ पुलिस में शिकायत कराई थी और उसके काउंटर में मैंने रायुपर में एफआईआर दर्ज कराई है। आवेश इस बात को साफ करते हैं कि उन्होंने जो शिकायत की है वह हेटस्पीच के खिलाफ है।