मृत्यु से पहले डॉ. कलाम ने दी थी पुलिसकर्मी को शाबाशी

मंगलवार, 28 जुलाई 2015 (21:45 IST)
शिलांग। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ताउम्र बहुत सहज और सामान्य व्यक्ति रहे। पूरे देश ने देखा और जाना ‍कि राष्ट्रपति बनने के पूर्व और उसके बाद भी वे आम आदमी की तरह रहे और अपने ज्ञान को युवाओं के साथ बांटते रहे। डॉ. कलाम कितने सहज इनसान थे, इसका सबूत तब मिला, जब IIM शिलांग में अपना लैक्चर देते वक्त गिरने से कुछ मिनट पहले उन्होंने चौकस रहने के लिए एक कांस्टेबल को शाबाशी दी थी। अब यह शाबााशी इस कांस्टेबल के लिए यादों में सिमटकर रह गई है।
 
पूर्वी खासी हिल्स जिला के पुलिस अधीक्षक एम खरकरांग ने बताया, 'कल शाम गुवाहाटी से शिलांग सड़क मार्ग से जाते हुए रास्तेभर चौकस रहने के लिए पूर्व राष्ट्रपति ने एसओटी (विशेष अभियान दल) के एक जवान को शाबाशी दी थी।' 
 
उन्होंने बताया कि जब डॉ. कलाम ने उस जवान को बुलाया था तो वह पहले डर गया कि कहीं इंतजाम में उससे कोई गलती तो नहीं हो गई लेकिन तब डॉ. कलाम ने कांस्टेबल से कहा था कि वह अपना काम सही ढंग से कर रहा है। देश के पूर्व राष्ट्रपति से मिली इस शाबाशी से कांस्टेबल को काफी राहत मिली।

कांस्टेबल को शाबाशी का पूरा मामला यह था : दरअसल, डॉ. कलाम अपने सहयोगी सृजन के साथ गुवाहाटी से शिलांग जा रहे थे। यह सफर ढाई घंटे का था। डॉ. कलाम की सुरक्षा में 6 अन्य गाड़ियां आगे-पीछे चल रहीं थीं।

डॉ. कलाम ने जब देखा कि आगे चल रही खुली जीप में दो जवान बैठे हैं और तीसरा जवान रायफल लिए खड़ा है, तब उनसे यह देखा नहीं गया।  

डॉ. कलाम ने अपने सहयोगी से कहा कि तुम किसी तरह खड़े हुए कांस्टेबल तक मेरा संदेश पहुंचा दो कि वो बैठ जाए, लेकिन यह संदेश जीप में खड़े जवान तक नहीं पहुंच सका। जब काफिला रुका, तब तक यह कांस्टेबल अपनी ड्‍यूटी पर खड़ा रहा था

IIM में लैक्चर देने की शुरुआत में उन्हें ढाई घंटे तक जीप में खड़े जवान की याद आई। उन्होंने फौरन उसे बुलाया और कहा कि तुम पूरे सफर में खड़े क्यों रहे? कांस्टेबल ने कहा, मैं अपनी ड्‍यूटी कर रहा था।

डॉ. कलाम ने उससे पूछा, क्या तुम थक गए हो? क्या कुछ खाना चाहते हो? कांस्टेबल ने इनकार किया। डॉ. कलाम ने उस कांस्टेबल से माफी मांगी कि मेरे कारण तुम्हें ढाई घंटे तक खड़े रहना पड़ा...इस पर उसने कहा, सर, मैं आपके लिए 6 घंटे तक खड़े रह सकता हूं। इस पर उन्होंने कांस्टेबल को शाबाशी दी। 
 
सादगी पसंद थे डॉ. कलाम : डॉ.  कलाम के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पुलिस अधीक्षक एम खरकरांग ने कहा, सामान्य चीजों को भी अहमियत देने और सादगी से जिंदगी जीने की उनकी समझदारी ने उन्हें वास्तव में महान बनाया।
 
डॉ. कलाम कल शाम 5.40 मिनट पर शिलांग में आईआईएम के गेस्ट हाउस पहुंचे थे और ‘क्रिएटिंग ए लिवेबल प्लानेट’ व्याख्यान शुरू होने के दौरान वे गिर पड़े। उन्हें वहां के बेथनी अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने शाम 7 बजकर 45 मिनट पर उन्हें मृत घोषित कर दिया।
 
शहर में अपनी अंतिम सांस लेने वाले पूर्व राष्ट्रपति  और 'मिसाइल मैन' डॉ. कलाम के सम्मान में मेघालय सरकार ने मंगलवार को राज्य में अवकाश घोषित किया। (भाषा/वेबदुनिया न्यूज)

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