भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा, ‘एक राजनीतिक दल के तौर पर हम भारत विरोधी किसी भी नारेबाजी की निंदा करते हैं। अगर कानून प्रवर्तन अधिकारी उन तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं तो उन्हें कानून के मुताबिक काम करने दीजिए। लेकिन ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर उन्हें समूचे वामपंथी छात्र संगठन को निशाना नहीं बनाना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘आम छात्रों को निशाना बनाकर वे (एबीवीपी) परिसर में आतंक का माहौल पैदा कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस को एबीवीपी के साथ मिलीभगत से पूरे वामपंथ को निशाना नहीं बनाना चाहिए।’ माकपा के महासचिव सीताराम एचुरी ने भी घटनाक्रम पर चिंता जतायी है और कहा कि छात्रों के खिलाफ स्थिति आपाताकाल के समय जैसी है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘जेएनयू में क्या हो रहा है? कैंपस में पुलिस है, छात्रावासों से छात्रों को उठाया गया और गिरफ्तार किया गया। ऐसा आपातकाल के दौरान हुआ था।’ (भाषा)