विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने ढपली बजाकर और आजादी-आजादी के नारों के बीच गाने गाकर, मशाल ‘विजय जुलूस’ निकालकर फैसले का स्वागत किया। खबर आते ही कई छात्रों और शिक्षकों को परिसर में एक दूसरे से गले मिलते देखा गया। सबसे पहले संसद मार्ग थाने के बाहर खुशी का माहौल देखा गया जहां आज दोपहर से प्रदर्शनकारी छात्र डेरा डाले थे।
जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष शहला राशिद शोरा ने कहा, 'मैं विश्वविद्यालय की राष्ट्रविरोधी की छवि बनाए जाने और छात्रों के दमन के खिलाफ इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रही हूं और मुझे खुशी है कि कॉमरेड कन्हैया लौटेंगे और आंदोलन की कमान संभालेंगे।'