नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय द्वारा राजनीति में नफरती भाषण पर की गई टिप्पणी के एक दिन बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने गुरुवार को कहा कि जिन लोगों की राजनीति नफरत पर ही टिकी हुई है, उनसे ऐसी अपेक्षा करना चांद मांगने जैसा होगा। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि राजनीति में धर्म का इस्तेमाल बंद होने से नफरती भाषण खत्म हो जाएंगे।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को नफरती भाषणों को गंभीरता से लेते हुए कहा था कि जिस पल राजनीति व धर्म अलग हो जाएंगे और नेता राजनीति में धर्म का इस्तेमाल बंद कर देंगे, उस समय ऐसे भाषण समाप्त हो जाएंगे। सिब्बल ने ट्वीट किया कि उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राजनीति में धर्म का इस्तेमाल बंद होने से नफरती भाषण खत्म हो जाएंगे। यह तो चांद मांगने जैसा है।
न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा था कि एक बड़ी समस्या तब खड़ी होती है, जब नेता राजनीति को धर्म से मिला देते हैं। जिस पल राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे तथा नेता राजनीति में धर्म का इस्तेमाल बंद कर देंगे, यह सब बंद हो जाएगा। हमने अपने हालिया फैसले में भी कहा है कि राजनीति को धर्म से मिलाना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।(भाषा)