सिब्बल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, जगदीप धनखड़। राज्यसभा के 60 सदस्यों ने उन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया। अभूतपूर्व। लोकतंत्र की जननी के लिए दुखद दिन। इतिहास उन लोगों को कभी माफ नहीं करेगा जिन्होंने सदन के कामकाज में समान अवसर नहीं दिया।
अगर धनखड़ को हटाने की मांग वाला प्रस्ताव लाया जाता है, तो विपक्षी दलों को इसे पारित कराने के लिए बहुमत की आवश्यकता होगी, लेकिन 243 सदस्यीय सदन में उनके पास अपेक्षित संख्या नहीं है। हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने जोर देकर कहा है कि यह संसदीय लोकतंत्र के लिए लड़ने का एक मजबूत संदेश है।
विपक्षी दलों ने कहा कि राज्यसभा के सभापति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनसे गैर-पक्षपाती आचरण की अपेक्षा की जाती है, लेकिन इसके बजाय उन्होंने अपने वर्तमान पद की प्रतिष्ठा को घटाकर इसे सिर्फ वर्तमान सरकार के प्रवक्ता तक सीमित कर दिया है।
विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता जयराम रमेश और नसीर हुसैन ने मंगलवार को कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD), तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), आम आदमी पार्टी (AAP), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK), समाजवादी पार्टी (SP) सहित 60 विपक्षी सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस राज्यसभा के महासचिव पी़. सी. मोदी को सौंपा।