एक सेनाधिकारी के अनुसार, भारतीय सेना के लिए आतंकी, आतंकी ही होता है और वह चाहे किसी भी गुट का हो या फिर किसी भी देश का। भारतीय सुरक्षाबल और कश्मीर आईएसआईएस से मुकाबले करने को को पूरी तरह से तैयार है और उनका भी हश्र 30 देशों के आतंकियों की ही तरह होने वाला है।
ऐसे में आपको यह जान कर हैरानगी होगी कि कश्मीर शायद दुनिया का ऐसा आतंकवादग्रस्त इलाका है, जहां 30 देशों के आतंकी सक्रिय हैं और यहां पर अफगान मुजाहिदीनों, तालिबानियों और अल-कायदा के सदस्यों से सुरक्षाबल इन 32 सालों में मुकाबला करते आए हैं और अब कश्मीर में सक्रिय आईएस समर्थकों की हरकतों पर लगातार करीब पांच साल से नजर रखने वाले अधिकारी अब यह जरूर कहने लगे थे कि कश्मीर ने अफगान मुजाहिदीनों, तालिबानियों और अल-कायदा के सदस्यों का मुकाबला किया है और अब वह आईएसआईएस के मुकाबले के लिए भी तैयार है।
कश्मीर में 1988 में जब आतंकवाद शुरू हुआ तो तब स्थानीय आतंकी ही मैदान में थे। वर्ष 1992-93 के मध्य में पाकिस्तान ने पहले अफगान मुजाहिदीनों को इस ओर धकेला। उसके बाद विदेशी आतंकियों की ऐसी बाढ़ कश्मीर में आई की सुरक्षाबलों ने अभी तक 30 से अधिक देशों के उन भाड़े के आतंकियों को कश्मीर में ढेर कर दिया जो सिर्फ पैसे की खातिर और खूबसूरत कश्मीरी औरतों को पाने के लालच में कश्मीर में चल रही तथाकथित आजादी की जंग में कूदे थे।