कश्मीरी पंडितों को बाइज्जत वापस लाएंगे- महबूबा

शनिवार, 28 मई 2016 (16:08 IST)
जम्मू और कश्मीर विधानसभा में शुक्रवार को विपक्ष ने सत्ताधारी पार्टी पीडीपी पर जमकर निशाना साधा था जिसका शनिवार को महबूबा ने खुलकर जवाब दिया। मुफ्ती ने राहुल गांधी पर निशाना साधा, केंद्र के साथ संबंधों की वकालत की और कश्मीरी पंडितों की वापसी पर भरोसा भी दिया।
महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में कहा, मुझ पर ताना मारा जाता है कि आप भाजपा के साथ क्यों गए? हमारी दिक्कत ये है कि जम्मू और कश्मीर को फुटबॉल बनाया गया है। NIT मामले में राहुल गांधी ने कहा कि हम मामला उठाएंगे लेकिन जब किसी कश्मीरी पर देश में मसला उठाया जाता है तो राहुल गांधी कहां चले जाते हैं?
 
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विपक्षीय दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सहित बाकी विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें कुर्सी का शौक नहीं है, पिता का ख्वाब था कि मैं उनके बाद उनकी कुर्सी संभालें जो वह कर रही हैं।
 
सैनिक कालोनी मुद्दे पर अपना पक्ष साफ रखते हुए महबूबा ने कहा कि इस बात का फैसला शेख अब्दुल्ला ने 1975 मैं लिया था और फिर 2015 में इस विषय पर एक बैठक हुई। मामले को साफ करते हुए महबूबा ने कहा कि न ही कोई जमीन चुनी गई हैं और न ही आज तक अलॉट की गई है। विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है।
 
कश्मीरी पंडित कॉलोनी बनाए जाने और कश्मीरी पंडितों को वापस बुलाये जाने पर महबूबा ने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों को वापस लाने पर प्रतिबद्ध हैं और पहले यह पंडित तब तक कॉलोनियों में रखे जाएंगे जब तक वह खुद को यहां महफूज नही समझेंगे और जब समझेंगे तो अपनी अपनी जगह पर ही रहेंगे।
 
सीएम ने कहा कि वर्किंग ग्रुप में तय हुआ कि कश्मीरी पंडितों को वापस लाएंगे, नौकरियां देंगे और ट्रांजिट अकॉमोडेशन देंगे। ये उसलिए होती है कि जब हालात ठीक हो जाएं फिर अपनी जगह पर रहें। क्या जम्मू में हमारे लोग विस्थापित नहीं हैं? ये लोग जो 25 साल पहले निकले थे उनको अपना घर का रास्ता ही याद नहीं और आप कहते है कि उनको लाइए और अपने घर में लाइए। कश्मीरी पंडित आएंगे और यहां पर मिल जुलकर रहेंगे।
 
नीट (NEET) मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यहा के कॉलेज में वही छात्र एडमिशन ले पाएंगे जो यहां के स्टेट सबजेक्ट होंगे और मेरिट के हिसाब से पूरी प्रक्रिया होगी। आइएएस टॉपर्स की मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि यहां के छात्र जब देश के सबसे बड़ी परीक्षा में टॉप आने की क्षमता रखते हैं तो नीट से क्यों डर रहे हैं।
 
महबूबा ने आगे कहा, 'जब अटलजी पाकिस्तान गए तो करगिल हो गया और मोदीजी जब गए तो पठानकोट हो गया पर उन्होंने डायलॉग चालू रखा। गिलानी साहब के साथ मिलकर हमने माहौल बनाने की कोशिश की पर आप लोग उसको रख नहीं पाए। विरोध होता है गोली चलती है पर जब लोगों ने पत्थर उठा लिए तो 2010 से हमारे 120 लोग से ज्यादा मारे गए और फिर अभी 5 लोग मारे गए। अब दुकानें खुल रही हैं। लोग यहां आ रहे हैं। पोटा हटाने के लिए हमने बात की।'
 
मुफ्ती साहब कहते थे कि ये हमारा हाउस सबसे पावरफुल है यहां जो बिल पास होता है तो उनकी कद्र होगी। केंद्र सरकार हमारे लोगों को केंद्रीय पुलिस में मौका देना चाहते हैं तो अच्छा है दें। हमारे इरादे और उनके (केंद्र सरकार) इरादे मिल रहे हैं। पैंथर्स पार्टी इसे राष्ट्रविरोधी कहती है। अगर राज्य का विकास होगा। केंद्र से हमारे विचार मिल रहे हैं तो ये कश्मीर के हित में है, पाकिस्तान के हित में है और भारत के हित में है। हम सबके हित में है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मेरे लिए सीएम कुर्सी पर बैठना बहुत मुश्किल है। हर पल उनकी बातें मेरे जहन में रहते हैं। अस्पताल में भी रहकर हमारे वालिद को इस मुल्क की चिंता थी। जब पठानकोट हुआ तो उनको चिंता लग गई कि कहीं टॉक्स कॉल ऑफ न हो जाएं। इस कुर्सी पर मैं बैठी हूं तो केवल अपने वालिद के विजन को पूरा करने के लिए। जब तक ये कुर्सी मेरे हालात में बनती रहेगी तब तक बैंठूंगी नहीं तो छोड़ देंगे।'

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