कैंसर और ट्यूमर के लिए विशेष इम्प्लांट के मामले में कीमत मौजूदा 4-9 लाख रुपए से काफी कम करके 1,13,950 रुपए की गई है। सरकार के अनुसार देश में डेढ़ से दो करोड़ रोगियों को घुटना बदलवाने की जरूरत है। हर साल भारत में 1.2 लाख से डेढ़ लाख ऐसी सर्जरी होती हैं।
अनंत कुमार ने कहा, 'हृदयरोगियों के लिए स्टेंट के दाम सीमित करने के बाद अब हमने सभी तरह के घुटना प्रतिरोपण की कीमत नियंत्रित करने का फैसला किया है। अगर अस्पताल, आयातक, खुदरा विक्रेता एमआरपी से अधिक वसूलते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'
नई मूल्य प्रणाली के तहत सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाले कोबाल्ट-क्रोमियम इम्प्लांट का एमआरपी 54,720 रुपए निर्धारित किया गया है जिसके साथ जीएसटी और जोड़ा जाएगा। इसमें पूर्ववर्ती 1,58,324 रुपए के औसत एमआरपी में 65 प्रतिशत तक की कमी की गई है। पहले इसकी कीमत 1.58 लाख रुपए से ढाई लाख रुपए तक होती थी। (भाषा)