यादव ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली, वृद्धावस्था पेंशन योजना तथा कई अन्य योजनाओं को आधार संख्या से जोड़ने को लेकर बुजुर्गों, गरीब मजदूरों, बीमार लोगों तथा विकलांगों को भारी परेशानी हो रही है। देश में अनाज का भंडार भरा है लेकिन आधार कार्ड नहीं होने के कारण लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से अनाज नहीं मिल रहा है और वे भूख से मर रहे हैं।
जद यू नेता ने कहा कि कठिन परीश्रम करने वाले मजदूरों के अंगूठे की लकीरें बदल जाती है जिसके कारण आधार को लेकर उन्हें बार बार दफ्तरों के चक़्कर लगाने पड़ते हैं। उच्चतम न्यायालय ने भी आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं माना है। ऐसे में सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए और आधार की व्यवस्था को हटाया जाना चाहिए। (वार्ता)