उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलने से होने वाले प्रदूषण का दिल्ली के प्रदूषण में सिर्फ करीब 5-7 प्रतिशत का ही योगदान है, लेकिन अगर उत्तर से हवा बह रही हो तो यह बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर मध्य अक्टूबर के बाद प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन प्रदूषण के स्रोत वैसे ही बने रहते हैं।