उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और तीन बेटियां हैं। उनके पुत्र आईएफएस अधिकारी वाई के सिन्हा हैं, जो अभी श्रीलंका में राजदूत हैं और ब्रिटेन में नई जिम्मेदारियां संभालेंगे। परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार यहां ब्रार स्क्वायर शवदाहगृह में कल दोपहर किया जाएगा।
सिन्हा जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रह चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल सिन्हा 1943 में सेना में शामिल हुए। जब पाकिस्तानी कबायलियों ने 1947 में हमला किया तो जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने वाले भारतीय सैनिकों के पहले जत्थे में वह भी शामिल थे। सरकार ने जब उनकी वरिष्ठता नजरअंदाज कर उनकी जगह जनरल एएस वैद्य को भारतीय सेना का प्रमुख नियुक्त किया तो उन्होंने सेना से इस्तीफा दे दिया था। वह नेपाल में भारत के राजदूत और असम के राज्यपाल रह चुके हैं।
मोदी ने एस.के. सिन्हा के निधन पर दुख जताया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर एवं असम के पूर्व राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल सिन्हा के निधन पर दुख जताया और कहा कि राष्ट्र के लिए की गई उनकी सेवा को हमेशा याद किया जाएगा। मोदी ने ट्वीट किया, 'जम्मू-कश्मीर और असम के पूर्व राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) श्रीनिवास के सिन्हा के निधन के बारे में जान कर बहुत दुख हुआ।' उन्होंने कहा, 'कुछ दिनों पहले लेफ्टिनेंट जनरल सिन्हा से मिलने का अवसर मिला था। देश के लिए उनकी सेवा हमेशा याद की जाएगी।' (भाषा)