लखनऊ में किसान महापंचायत, इन 6 मांगों पर अड़े किसान

सोमवार, 22 नवंबर 2021 (11:14 IST)
लखनऊ। तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने का ऐलान किए जाने के बाद अब किसान अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अड़ गए। आंदोलन कारी किसान आज लखनऊ में महापंचायत कर रहे हैं।
 
संयुक्‍त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी को संदेश देते हुए कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करना इस आंदोलन की एकमात्र मांग नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के साथ वार्ता की शुरुआत से ही तीन और मांगें उठाई थीं, जिनमें पहली थी खेती की संपूर्ण लागत पर आधारित न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी कृषि उपज के ऊपर, सभी किसानों का कानूनी हक बना दिया जाए, ताकि देश के हर किसान को अपनी पूरी फसल पर कम से कम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी हो सके।
 
संयुक्त किसान मोर्चे ने मोदी को लिखे पत्र के माध्यम से मांग रखी कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत वापस लिए जाने चाहिए। 
 
मोर्चा ने कहा कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिवार को पुनर्वास सहायता, मुआवजा मिलना चाहिए।
 
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में 'वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021' में किसानों को सजा देने के प्रावधान हटाए जाए। इस संदर्भ में साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस साल सरकार ने कुछ किसान विरोधी प्रावधान तो हटा दिए, लेकिन सेक्शन 15 के माध्यम से फिर किसान को सजा की गुंजाइश बना दी गई है।
 

संयुक्त किसान मोर्चा ने आज प्रधानमंत्री को खुला पत्र भेजा है।

➡ विषय: राष्ट्र के नाम आपका संदेश और आपके नाम किसानों का संदेश

पत्र में लाभकारी एमएसपी की गारंटी के लिए केंद्रीय कानून सहित किसान आंदोलन की लंबित मांगों को उठाया गया है।#FarmLaws #FarmersProtest
पूरा पत्रः pic.twitter.com/ds2MU7okqn

— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) November 21, 2021
लखीमपुर खीरी मामले में अभियुक्त अजय मिश्रा टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर और गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
 
मोर्चा ने कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तावित 'विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक, 2020/2021' का ड्राफ्ट वापस लिया जाए।

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