मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा ने बाल ठाकरे की शिवसेना से मुंबई को छीनने के लिए एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया है। शिंदे की बगावत के बाद 29 जून को मुख्यमंत्री पद छोड़ने वाले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने उन्हें 'शिवसेना नेता' के पद से हटाते हुए उन पर 'पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने' का आरोप लगाया।
शिंदे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जबकि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने कल स्पष्ट किया कि शिंदे शिवसेना से नहीं हैं। अब यह स्पष्ट हो गया है कि शिंदे का इस्तेमाल मुंबई में शिवसेना को हराने के लिए किया गया है, जहां इस साल के अंत में निकाय चुनाव होंगे।
बेहद संपन्न बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) पर शिवसेना ने दो दशकों से अधिक समय तक शासन किया है। राउत ने आगे कहा कि कांग्रेस कई बार विभाजित हुई, लेकिन इंदिरा गांधी की कांग्रेस अब भी जिंदा है। उन्होंने कहा gs इसी तरह, शिवसेना वहीं है, जहां ठाकरे हैं। शिवसेना सांसद ने कहा कि उपमुख्यमंत्री का पद संभालने के लिए फडणवीस की सराहना की जानी चाहिए क्योंकि शिंदे पहले उनकी सरकार में एक कनिष्ठ मंत्री थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा में अनुशासन कायम रखा जाता है और आदेशों का पालन किया जाता है। मनी लांड्रिंग के सिलसिले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हुए राउत ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों से कहा कि वह उनके द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ईडी ने मुझसे 10 घंटे तक पूछताछ की। उन्होंने मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया।
मैंने उनसे कहा कि अगर और जानकारी की आवश्यकता है, तो मैं दूंगा। डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। सच्चाई मेरे साथ है। संसद सदस्य के रूप में, यह मेरा कर्तव्य था कि यदि जांच एजेंसी को किसी जानकारी की आवश्यकता होती है तो मैं उसके सामने पेश होकर उसे उपलब्ध कराऊं।
उन्होंने कहा, जिस मामले की वे जांच कर रहे हैं, उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। ईडी ने मुंबई की एक चॉल के पुन: विकास और राउत की पत्नी तथा दोस्तों से संबंधित वित्तीय लेनदेन से जुड़ी धनशोधन जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए राज्यसभा सदस्य को तलब किया था।