कुल 450 करोड़ रुपए लागत के मंगल यान को 5 नंबवर 2015 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी.25 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया गया था और उसने करीब दस महीने की यात्रा के बाद पिछले साल 24 सितंबर को मंगल की कक्षा में प्रवेश किया था। भारत पहले ही प्रयास में लाल ग्रह पर सफलतापूर्वक मिशन भेजने वाला दुनिया का पहला देश है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो' का कहना है कि मंगल यान सामान्य ढंग से काम कर रहा है। इस उपग्रह के करीब छ: महीने तक अपने मिशन में सक्रिय रहने की संभावना है। इस पर पांच वैज्ञानिक उपकरण लगे हैं जो मंगल के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं। मंगल की परिक्रमा करते हुए मंगल यान ने इस ग्रह की कई तस्वीरें भेजी हैं।
अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका 'टाइम' ने भारत के मंगल यान को साल 2014 के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया और देश के इस पहले अंतरग्रहीय मिशन को 'द सुपरमार्ट स्पेसक्रॉफ्ट' की संज्ञा दी। मंगल यान के साथ कई दूसरे देशों के उपग्रह भी मंगल की परिक्रमा कर रहे हैं जबकि कुछ इस लाल ग्रह की जमीन पर खाक छान रहे हैं। (वार्ता)