मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक, मनोज जरांगे से क्या बोली शिंदे सरकार?

बुधवार, 1 नवंबर 2023 (15:00 IST)
Maratha Reservation : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मराठा आरक्षण पर बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित कर कार्यकर्ता मनोज जरांगे से अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करने का आग्रह किया।
 
बैठक के बाद मुंबई में मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता जरांगे को मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के वास्ते सरकार का सहयोग करना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि मराठाओं को संयम बरतना चाहिए। सरकार को आरक्षण लागू करने की कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए समय चाहिए।
 
प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे सहित अन्य ने हस्ताक्षर किए।
 
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाएं देखी गई हैं। मराठवाड़ा के 5 जिलों में सरकारी बस सेवाएं पूरी तरह से निलंबित कर दी गई हैं, जबकि बीड के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है, जहां प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक दलों के नेताओं के आवासों को निशाना बनाया था।
 
मुख्यमंत्री ने लोगों से हिंसा नहीं करने की अपील की है और राजनीतिक दलों से भी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने से बचने को कहा है जिससे स्थिति खराब हो।
 
फडणवीस के घर की सुरक्षा बढ़ी : महाराष्ट्र पुलिस ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के कुछ हिस्सों में चल रहे आंदोलनों को देखते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के स्थानीय आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
 
नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने मंगलवार शाम को यहां धरमपेठ इलाके के त्रिकोणी पार्क में फडणवीस के आवास पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी। उपायुक्त ने आदेश दिया कि मराठा आरक्षण आंदोलन को देखते हुए आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी जाए। नागपुर भाजपा नेता फडणवीस का गृहक्षेत्र है।
 
जारी होंगे कुनबी जाति के प्रमाणपत्र : महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक आदेश प्रकाशित कर संबंधित अधिकारियों से पात्र मराठा समुदाय के सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने को कहा, ताकि उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण लाभ प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो सके।
 
सरकारी प्रस्ताव में अधिकारियों से कुनबियों के संदर्भ वाले और उर्दू तथा ‘मोड़ी’ लिपि (जिसका उपयोग पहले के समय में मराठी भाषा लिखने के लिए किया जाता था) में लिखे पुराने दस्तावेजों का अनुवाद करने के लिए कहा। इन दस्तावेजों का डिजिटलीकरण किया जाएगा, प्रमाणित किया जाएगा और फिर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाएगा।
 
यह फैसला ऐसे वक्त आया है जब मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने 1.72 करोड़ पुराने दस्तावेजों की जांच की और उनमें से 11,530 ऐसे रिकॉर्ड पाए गए जहां कुनबी जाति का उल्लेख किया गया है। कृषि से जुड़ा कुनबी समुदाय महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आता है और समुदाय को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण लाभ मिलता है। 

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