अधिवक्ता जैन ने बताया, जब हम लोगों ने इस संबंध में एक याचिका मथुरा के ही दिवानी न्यायाधी (प्रवर वर्ग) की अदालत में 25 सितंबर को दाखिल की तो वहां प्रभारी दिवानी न्यायाधीश (अपर जिला एवं त्वरित न्यायालय संख्या दो) ने 30 सितंबर को दिए फैसले में इस तर्क के साथ याचिका खारिज कर दी कि याची न तो उक्त ट्रस्ट का सदस्य है और न ही मामले में किसी पक्ष से संबंधित है।