वड़ोदरा। बसपा सुप्रीमो और उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को चेतावनी दी कि अगर हिन्दू धर्म के कथित मनुवादी सोच वाले लोगों ने अपना रवैया नहीं बदला तो बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तर्ज पर उनके समेत अनुसूचित जाति, जनजाति के लोग बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करेंगे।
उन्होंने कहा कि पूर्व में मनुवाद प्रभावित लोगों के चलते आबादी का 60 से 70 प्रतिशत होने के बावजूद कथित शूद्र और अतिशूद्र जातियों को जानवरों से भी बदतर व्यवहार झेलना पड़ा था। इसी के चलते बड़े पैमाने पर इन जातियों ने सिख, ईसाई, इस्लाम, बौद्ध और अन्य जातियों में धर्मांतरण किया था। उनकी हालत ऐसी थी कि भारत में इन जातियों में अब वैसे धर्मांतरित लोगों की तादाद 70 से 75 प्रतिशत होने के बावजूद अब भी उनसे सौतेला ही व्यवहार होता है।
आंबेडकर को भी इसी जाति में जन्म लेने के कारण खासा अपमान झेलना पड़ा था। वह तत्कालीन बड़ोदा रियासत से विदेश में उच्च शिक्षा के लिए धन लेने के चलते बाध्य होकर यहां नौकरी करने आए थे पर उन्हें जाति के कारण घर नहीं मिला था। वह जाति छुपाकर पारसी समुदाय की एक सराय में रुके थे, रूके थे जिसने नवंबर 1917 में उनका सामान और उन्हें इससे बाहर फेंक दिया। इस अपमान के बाद वह यहां कमाटीबाग में एक बरगद के पेड़ के नीचे बैठे और संकल्प लिया कि छूआछूत को मिटाकर ही दम लेंगे। उस घटना से वह इनते दुखी हो गए कि वह फिर वडोदरा नहीं लौटे। (वार्ता)