अधिकारी ने कहा कि यह कई दुकानदारों को पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन का उपयोग करने के लिए हतोत्साहित करेगा। विशेषकर छोटे दुकानदारों को, क्योंकि उन्हें जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट भी नहीं मिलता है। यह पीओएस के उपयोग को कम करेगा।
एमडीआर वह दर होती है, जो डेबिट या क्रेडिट कार्ड सुविधा का उपयोग करने के लिए बैंक दुकानदारों से वसूलता है। अभी देश में मासिक आधार पर 27 से 28 करोड़ पीओएस लेन-देन होते हैं। इनमें औसतन एक लेन-देन 1,500 रुपए का होता है, वहीं केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसने एमडीआर के बारे में फैसला सभी भागीदारों के साथ विचार-विमर्श के बाद किया है। (भाषा)