नई दिल्ली। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान अस्वच्छ मासिक धर्म के मामले बढ़ने का दावा करते हुए गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘शी विंग्स’ ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में प्रवासी मजदूरों सहित जरूरतमंद महिलाओं को ‘सेनेटरी पैड’ बांट रहा है। बयान के अनुसार एनजीओ ‘शी विंग्स’ लॉकडाउन के दौरान कम से कम 30,000 ‘सेनेटरी नैपकिन’ बांट चुका है।
उसने कहा कि लॉकउाउन के दौरान जो संकट का सामने कर रहे हैं, उनमें महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। उन पर घरेलू काम करने का भार बढ़ गया है और सैनेटरी सामान की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ी हैं। लॉकडाउन के दौरान अस्वच्छ मासिक धर्म के मामले बढ़े हैं।
नोएडा स्थित एनजीओ ने कहा कि स्कूल ‘सेनेटरी नैपकीन’ बांटने के लिए सरकार का सबसे बड़ा स्रोत थे, जो कि बंद हैं और ‘सेनेटरी नैपकीन’ का उत्पादन भी बंद है। ऐसे में लड़कियों और महिलाओं की इन तक पहुंच मुश्किल हो गई है।