नई दिल्ली, आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य से देश में तकनीकी नवाचार और उससे जुड़े विनिर्माण को गति देने के लिए विभिन्न उपक्रम किये जा रहे हैं।
सरकार ने भारत की घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को नया आयाम देने के लिए छह तकनीकी नवाचार (इनोवेशन) केंद्रों की स्थापना का ऐलान किया है। इन केंद्रों का उद्देश्य वैश्विक प्रतिस्पर्धी विनिर्माण के लिए नई तकनीकों का विकास करना है।
यह प्लेटफॉर्म भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास द्वारा डिजाइन किए गए हैं। इसमें भारतीय विज्ञान संस्थान आईआईएससी बेंगलुरु, केंद्रीय विनिर्माण तकनीकी संस्थान (सीएमटीआई), इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईकैट) और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), भेल ने अपना सहयोग दिया है।
ये तकनीकी नवाचार केंद्र भारतीय उद्योगों की राह आसान करने की दिशा में काम करेंगे। इसमें मूल उपकरण विनिर्माता, छोटी, मझोली और बड़े स्तर की कंपनियों के अलावा कच्चा माल उत्पादकों के लिए नए समाधान तलाशे जाएंगे।
साथ ही स्टार्टअप यानी नवउद्यम, विशेषज्ञ पेशेवरों, शोध एवं विकास(आरएंडडी)संस्थानों और अकादमिक जगत को इस प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा। केंद्रीय भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय ने एक बयान में इसका पूरा खाका पेश किया है।
तत्कालीन भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस पहल पर कहा, 'ये प्लेटफॉर्म देश के लिए एक उपहार जैसे हैं, जो भारत के सभी तकनीकी संसाधनों को एक मंच पर लाने में मददगार होगा और उद्योगों को भी जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है उनके समाधान के लिए भी यह एक उपयुक्त मंच बनेगा।'
विभिन्न केंद्रों पर 39,000 से अधिक पंजीकरण पहले ही हो चुके हैं। इस मंच पर शोध एवं विकास के साथ ही अन्य तकनीकी पहलुओं को लेकर ज्ञान का आदान-प्रदान छात्रों, विशेषज्ञों, संस्थाओं, उद्योगों और प्रयोगशालाओं को मिल सकेगा।
यह घोषणा सरकार की महत्वाकांक्षी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) के अनुरूप हुई है। इस योजना की घोषणा पिछले वर्ष हुई थी। इस योजना का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद अक्षमताओं को दूर कर भारत में एक विश्वस्तरीय ईकोसिस्टम बनाना है ताकि अर्थव्यवस्था को व्यापका आकार एवं विस्तार दिया जा सके।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल फरवरी में वैश्विक कंपनियों को आमंत्रण दे चुके हैं कि वे 1.97 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई योजना का लाभ उठाने के लिए भारत का रुख करें। विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए इस योजना को 13 सेक्टरों में लागू किया गया है। (इंडिया साइंस वायर)