गडकरी ने मंगलवार को सुरंग के पश्चिमी हिस्से पर काम की प्रगति की समीक्षा करने के बाद यहां कहा कि इस सुरंग के निर्माण का लक्ष्य 2026 है लेकिन उन्होंने सुरंग बना रही कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के महानिदेशक कृष्णा रेडी से आग्रह किया है कि 2024 में देश में आम चुनाव होने है इसलिए उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस सुरंग का उद्घाटन करवाना है।
उन्होंने कहा कि श्रीनगर-लेह मार्ग बालटाल होते हुए जोजिला दर्रे से जाता है। इस मार्ग को भारी हिमपात होने के कारण सर्दियों में 6 माह के लिए यातायात बंद कर दिया जाता। यह सड़क बन जाएगी तो श्रीनगर-लेह के हर मौसम में यातायात संचालित किया जा सकेगा जिसका फायदा स्थानीय लोगो के साथ ही सेना और पर्यटकों को भी होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सुरंग सामरिक महत्व की है और 12 महीने यहां से सेना के वाहनों की आवाजाही हो सकेगी। उन्होंने इस सुरंग को श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाली सड़क सामाजिक और आर्थिक प्रगति का विकास मार्ग बताया और कहा कि इसके निर्माण से न हर मौसम में श्रीनगर-लेह के बीच आवाजाही होने के साथ यात्रा का समय भी घटेगा और सुरंग के पूर्वी तथा पश्चिमी हिस्से की बीच की दूरी 15 मिनट में तय की जा सकेगी जिसे पूरा करने में अभी 3.30 से 4 घंटे का समय लगता है।