इन दोनों के खिलाफ ईडी की यह कार्रवाई दरअसल अगस्त 2005 के उस मामले के सिलसिले में है, जहां दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई ने वानी को गिरफ्तार किया था। वानी ने शाह को 2.15 करोड़ रुपए पहुंचाने का दावा किया था।
वर्ष 2010 में दिल्ली की एक अदालत ने वानी को आतंक के वित्तपोषण के आरोपों से तो बरी कर दिया था लेकिन उसे आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया था। ईडी ने धनशोधन रोकथाम कानून के तहत शाह और वानी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। वानी को 26 अगस्त 2005 को कथित तौर पर 63 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया गया था, जो पश्चिम एशिया स्थित हवाला माध्यमों से आया था। इसके अलावा उसके पास से कथित तौर पर भारी मात्रा में बारूद बरामद किया गया था।
पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि 50 लाख रुपए शाह को और 10 लाख रुपए श्रीनगर में जैश-ए-मुहम्मद के एरिया कमांडर अबू बकर को दिए जाने थे और बाकी राशि उसके पास थी। वानी ने यह भी कहा कि उसने पिछले वर्षों में शाह और उसके संबंधियों को कई किस्तों में लगभग 2.15 करोड़ रुपए दिए। सूत्रों ने कहा कि ईडी इस मामले में कथित आतंक वित्तपोषण के अपराध से हुए लाभों की जांच करना चाहती है। (भाषा)