जब उनकी बात पूरी हो गई तो नायडू ने कहा, 'सदस्यों को कहीं भी बैठने के लिए मैंने अनुमति दी है। मगर यह आपके डिमोशन (पदावनति) यानी निचले सदन (लोकसभा) में भेजने के लिए नहीं है। यह गुलाम नबी आजाद जी, आनंद शर्मा जी और और (जयराम) रमेश जी ने मिलकर किया है। मैं इसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं।’ इस पर सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक सके। (भाषा)