हिमाचल प्रदेश में अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 52 लोगों की मौत हो चुकी है और लापता हुए 28 लोगों की तलाश जारी है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में प्राकृतिक आपदा की कई घटनाएं घटी हैं जिनमें 23 बार अचानक बाढ़ आना, 19 बार बादल फटना और 16 जगह भूस्खलन होना शामिल है।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा प्रभावित मंडी जिले में खोज और बचाव अभियान तेज कर दिया गया है और पिछले हफ्ते थुनाग, गोहर और करसोग उपखंडों में लापता हुए 28 लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सोमवार को बिलासपुर जिले के साई खारसी इलाके में भूस्खलन हुआ और पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा पेट्रोल पंप पर गिर गया। हालांकि, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पहाड़ से अचानक भारी मात्रा में मलबा और चट्टानें पेट्रोल पंप पर गिरने लगीं।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और होमगार्ड के लगभग 250 जवान प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर तलाश एवं बचाव अभियान में जुटे हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा 20 टीम लगातार जानकारी जुटा रही हैं और दुर्गम क्षेत्रों में राशन एवं मेडिकल किट वितरित कर रही हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 20 जून से अब तक 80 मौतें हुई हैं, जिनमें से 52 मौतें बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण हुई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बाकी 28 मौतें सड़क हादसों से जुड़ी हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मंडी की सांसद कंगना रनौत, नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल और कई कैबिनेट मंत्रियों के अलावा अन्य नेताओं ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया है।
उपमुख्यमंत्री अग्निहोत्री ने कहा कि क्षेत्र में करीब 241 जलापूर्ति परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें सेराज और बालीचौकी क्षेत्रों में 121 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी योजना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग ने अकेले सेराज विधानसभा क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया है।
प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन देते हुए और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि अब तक करीब 140 जल योजनाएं आंशिक रूप से बहाल कर दी गई हैं।
भाजपा नेता ठाकुर ने अपने विधानसभा क्षेत्र सेराज के थुनाग उपमंडल में प्रभावित जंजेली क्षेत्र का हवाई जायजा लिया और लोगों से मुलाकात भी की। उन्होंने दावा किया कि एक सप्ताह बाद भी सरकार ने प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराई है।
अब तक प्रभावित लोगों को 1,538 राशन किट वितरित की जा चुकी हैं और 12.44 लाख रुपये की तत्काल राहत प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि थुनाग और जंजैहली क्षेत्रों में पांच-पांच लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता भेजी जा रही है।
इस आपदा में करीब 225 घर, सात दुकानें, 243 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार कुल 215 मवेशियों की मौत हो चुकी है और 494 को बचाया गया है।
रविवार शाम तक राज्य में 243 सड़कें बंद थीं जिनमें से 183 सड़कें अकेले मंडी जिले की हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 241 ट्रांसफार्मर और 278 जलापूर्ति परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।
इस बीच, राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। नांगल डैम में 56 मिलीमीटर बारिश, ओलिंडा में 46 मिलीमीटर, बरठीं में 44.6 मिलीमीटर, ऊना में 43 मिलीमीटर, नैना देवी में 36.4 मिलीमीटर, गोहर में 29 मिलीमीटर और ब्राह्मणी में 28.4 मिलीमीटर में बारिश हुई।
स्थानीय मौसम कार्यालय ने 10 जुलाई तक राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
कश्मीर में एक व्यक्ति की मौत
जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में सोमवार को भारी बारिश हुई, जिससे राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में अचानक आई बाढ़ से एक व्यक्ति की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। श्रीनगर और कश्मीर के अन्य क्षेत्रों में भी मूसलाधार बारिश हुई, जिससे लंबे समय से जारी गर्मी से लोगों को राहत मिली। इस गर्मी के मौसम के दौरान घाटी में 70 वर्षों से अधिक समय में सबसे गर्म जुलाई का दिन रहा।
अधिकारियों ने बताया कि पुंछ के लोरान तहसील के खोरी वाला बेला बाला में बादल फटने से गुलाम मोहम्मद नामक व्यक्ति की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि भारी बारिश के कारण आज शाम क्षेत्र में जलस्तर बढ़ गया, भूस्खलन जैसी स्थिति पैदा हो गई और अचानक बाढ़ आ गई। अधिकारियों ने बताया कि लोरान मार्ग अवरुद्ध हो गया।
स्थानीय अधिकारी और बचाव दल स्थिति का आकलन करने और राहत एवं बचाव अभियान के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि गुलाम मोहम्मद का शव लगभग 400 मीटर दूर से बरामद किया गया और आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं के बाद उसके शव को परिजनों को सौंप दिया गया।
अधिकारियों ने पुंछ के ऊंचे इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण राजौरी शहर के कई हिस्सों में मुख्य सड़कें जलमग्न हो गईं। दुकानों और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पानी भरने से दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ा।
बारिश के कारण कश्मीर में लंबे समय से जारी गर्मी खत्म हो गई है। श्रीनगर में शनिवार को तीसरा सबसे गर्म दिन रहा, जब तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह पांच जुलाई 1953 के बाद से घाटी में दर्ज किया गया सबसे गर्म दिन था। उस दौरान शहर में अधिकतम तापमान 37.7 डिग्री दर्ज किया गया था। भाषा Edited by : Sudhir Sharma