आम तौर पर 15 जून तक मानसून गुजरात और मध्यप्रदेश के उत्तरी तथा राजस्थान के दक्षिणी हिस्से तक पहुंच जाता था साथ ही यह पूरे बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा को सराबोर करता हुआ इस समय तक उत्तरप्रदेश में प्रवेश कर चुका होता है। लेकिन, इस साल यह अब तक बिहार और झारखंड पहुंचा ही नहीं है। मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिन में मानसून के बिहार और झारखंड पहुंचने तथा गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में और आगे बढ़ने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र की प्रमुख सती देवी ने बताया कि मानसून फिलहाल कुछ कमजोर पड़ गया है। उन्होंने कहा कि इसके उत्तर की ओर आगे बढ़ने के लिए अनुकूल स्थिति नहीं बनने के कारण इसकी रफ्तार धीमी पड़ी है। हवा का दबाव एवं बहाव आदि ऐसे कारक हैं जो मानसून को आगे बढ़ने में मदद करते हैं, लेकिन अभी उनका संयोग नहीं बन पा रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले पूर्वी तट पर मानसून सुस्त पड़ा था, लेकिन पश्चिमी तट पर इसकी रफ्तार ठीक थी। गत 12 जून के बाद से पश्चिमी तट पर इसकी प्रगति रुकी हुई है। हालांकि 14 जून को पूर्वी हिस्से में यह आगे बढ़ा तथा पूरे आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ दक्षिणी हिस्से में बारिश हुई जबकि ओडिशा में भी यह कुछ आगे बढ़ा है।